इलेक्ट्रोनिक घी अलसी तेल और घी का दिव्य संगम है। अलसी तेल अल्फा-लिनोलेनिक एसिड (ओमेगा-3 फैट का मुखिया) से भरपूर दुनिया का श्रेष्ठतम फैट है, जिसमें सजीव, ऊर्जावान और गतिशील इलेक्ट्रोन्स होते हैं। ये इलेक्ट्रोन्स हमें स्वस्थ और दीर्घायु जीवन प्रदान करते हैं। यही अमरत्व घटक हैं जो हमें मानुष बनाते है। यह हृदय हितैषी है, कॉलेस्टेरोल को नियंत्रण में रखता है, दिल के ब्लॉक खोलता है और हार्ट अटेक के कारण पर अटेक करता है। यह डायबिटीज को टर्मिनेट करती है। यह इम्यूनिटी का आधार है और अनेक ऐलर्जिक रोग जैसे सोरायसिस, एग्जीमा आदि का उपचार है। यह जोड़ के हर रोग का तोड़ है और मेनोपॉज की तकलीफें जैसे हॉट फ्लशेज, डिप्रेशन, पति पर अचानक खुंदक आना आदि पर पॉज़ लगाता है। लिनोलेनिक एसिड माइंड के सर्किट का सिमकार्ड है, मेमोरी बढ़ाता है, विद्यार्थियों के व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास करता है और सफलता के सारे द्वार खोल देता है।

शुद्ध देशी घी जैसी वस्तु इस संसार में दूसरी कोई नहीं है| इसकी मन भावन खुशबू हमारी हर कोशिका में बसी हुई है। यह स्मरण-शक्ति को तीव्र बनाता है| इससे मेधा प्रखर व बुद्धि प्रबल बनती है| चिर-यौवन का अनुदान मिलता है| अणु-अणु में सौंदर्य स्फूर्त रहता है| शुद्ध घी अमृत के समान है| यह वात, कफ एवं पित्त को संतुलित रखता है, थकान को दूर करता है| हृदय को अत्यंत हितकर है| चित्त को प्रसन्न करता है| 

 

ऐसे बनाएं इलेक्ट्रोनिक घी

इलेक्ट्रोनिक घी बनाने के लिए एक फ्राइंग पेन या स्टील की पतीली में 250 देसी घी डाल कर चूल्हे पर गर्म करें। एक मध्यम आकार के प्याज के दो टुकड़े काटकर तेल में डालकर धीमी आंच पर तलिए। 10 मिनट बाद उसमें 10 लहसुन की छिली कलियां डाल कर तलना जारी रखिए। 3 मिनट बाद जब प्याज और लहसुन ब्राउन हो जाए तो गैस बंद कर दीजिए और प्याज लहसुन को अलग कर दीजिए। घी ठंडा होने पर 125 ग्राम अलसी के तेल में मिला दीजिए और किसी चैड़े मुंहवाली कांच की शीशी में डाल कर फ्रिज में रख दीजिए। इसे कैंसर के रोगी इस्तेमाल नहीं करें।

आप इसे रोटी, परोटा, ब्रेड, सलाद, सब्जी या पुलाव के साथ प्रयोग कर सकते हैं। आप इसे खाना पकाने में प्रयोग कर सकते हैं। इसके लिए पहले आप कढ़ाही या पेन को गर्म करें, फिर इलेक्ट्रोनिक घी डाल कर सिर्फ 2-3 मिनट तक अपना व्यंजन फ्राई करें और फिर पानी मिला कर आगे की कुकिंग कर सकते हैं।

विदित रहे कैंसर के रोगी को घी देना वर्जित है, इसलिए उसे हम  इलेक्ट्रोनिक घी नहीं दे सकते। इसलिए कैंसर के रोगी के लिए घी के स्थान पर एक्स्ट्रा वर्जन कोकोनट ऑयल का प्रयोग करते हैं, इसे इलेक्ट्रोन बटर (या ऑलियोलक्स) कहते हैं।  इसमें कोकोनट ऑयल  की महक होती है।