दोस्तों, आज मैं आपको एक नए चमत्कारी भोजन से मुखातिब करवा रहा हूँ। इस सात सितारा भोजन को “सावरक्रॉट” कहते हैं। यह नाम इसे जर्मनी में दिया गया। जर्मन भाषा में “सावर” का मतलब खट्टा और “क्रॉट” का मतलब बंदगोभी होता है। अंग्रेजी में इसे “सारकेबेज” कहते हैं। वैसे इसकी उत्पत्ति चीन में हुई, वहाँ से यह जर्मनी पहुँचा और फिर धीरे-धीरे युरोप और अमेरिका में प्रचलित हुआ। हिंदुस्तान की महिलाएं सावरक्रॉट की 2000 वर्षों से प्रतीक्षा कर रही थी और आज मैं यह दिव्य भोजन उनको समर्पित करता हूँ।

सॉवरक्रॉट बंदगोभी को फर्मेंट करके बनाया जाता है। इस प्रक्रिया में अनेक लेक्टोबेसीलाई जीवाणु पैदा होते र्हैं, जो पाचन क्रिया में सहायक होते हैं, विभिन्न लाभदायक एंजाइम्स बनाते हैं। इन लेक्टोबेसीलाई जीवाणुओं को प्रोबायोटिक्स कहते हैं। साथ ही इसमें ढेर सारे मिनरल्स, विटामिन-सी समेत बी-ग्रुप के सभी विटामिन्स और फाइबर होते हैं। यह एक सर्वोत्तम क्षारीय भोजन है। सॉवरक्रॉट पाचन तंत्र की सभी बीमारियों को जड़ से खत्म करने की ताकत रखता है। यह सेहत के लिए अमृत है और स्वाद में जन्नत है। इसीलिए मैं इसे “आबेहयात”  कहता हूँ और ईश्वर की इस नियामत को घर-घर पहुँचाना चाहता हूँ।

सॉवरक्रॉट को हम कई तरह से भोजन में शामिल कर सकते हैं। यह हर व्यंजन को लजीज़ और लाजवाब बना देता है। इसके खट्टे और तीखे स्वाद ने महिलाओं का मन मोह लिया है। बच्चे इसे शौक से चटकारे लेकर खाते हैं। इसे साबुत या पेस्ट बनाकर किसी भी चटनी, सूप या सब्जी में खटाई के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। इसे साफ पानी में धोने से इसका खट्टापन थोड़ा कम किया जा सकता है। सलाद, फ्रूट सलाद, पोहा, उपमा, चावल, पुलाव, नूडल्स, पास्ता, खिचड़ी आदि में सावरक्राट बड़ा लजीज़ लगता है। समोसा, इडली, डोसा, कचौड़ी, आलूबड़ा, गुझिया आदि में सावरक्राट मिलाने के बाद तो मजा ही आ जाता है। बच्चों के लिए इसका जैम, अचार, मुरब्बा आदि बनाए जाते हैं। इसे घी में तल कर गाजर के हलवे या किसी अन्य स्वीट डिश में मिलाया जा सकता है। इसमें हरी मिर्च, धनिया, प्याज आदि मिलाकर स्टफ्ड परांठे बनाएं। इसे मटन, चिकन या फिश की डिशेज़ में मिलाने से उसका स्वाद दुगुना हो जाता है। जिन्हें पेट संबंधी तकलीफ होती है, वे इसका ज्यूस पीना पसंद करते हैं।

आहार तंत्र के सभी रोगों का अचूक इलाज है सॉवरक्रॉट

ताजा शोध के अनुसार तो सॉवरक्रॉट आमाशय और पूरे आहार तंत्र का शोधन और जीर्णोद्धार करता है और इसको सक्रिय, स्वस्थ और सुचारु और सुरक्षित रखता है। इसे फर्मेंट करने की प्रक्रिया में लेक्टोबेसीलस जीवाणु पैदा होते हैं जो पाचन में सहायक होते हैं, विटामिन की मात्रा बढ़ाते हैं, विभिन्न लाभदायक एंजाइम बनाते हैं और पाचन-पथ में मित्र जीवाणुओं की सेना में  वृद्धि करते हैं। फर्मेंट की हुई बंदगोभी में डेक्स्ट्रो-रोटेटिंग लेक्टिक एसिड और प्रोबायोटिक जीवाणु होते हैं जो पाचन में सहायक हैं और कीटाणुओं का सफाया करते हैं। सॉवरक्रॉट सेवन करने से आहारपथ की लाभदायक जीवाणु सेना सशक्त और संतुलित रहती है। सॉवरक्रॉट में एक दुर्लभ जीवाणु
लेक्टोबेसीलस प्लान्टेरम भी पाया जाता है जो पाचन के लिए बहुत ही अहम जीवाणु है। इसमें निम्न चमत्कारी तत्व होते हैं।

एल. ग्लूटामीन – यह एक अमाइनो एसिड है जो आमाशय और आंतों को तथा लीवर के म्यूकोसा की सुरक्षा करता है।

एस.मिथाइलमीथियोनीन – यह मीथियोनीन नामक अमाइनो एसिड का उत्पाद है और 1950 में गार्नेट तेनी ने इसे विटामिन यू (Anti-ulcerogenic factor) नाम दिया। उन्होंने अपनी रिसर्च में पाया कि यह स्टोमक अल्सर्स को अंग्रेजी दवाओं से जल्दी और बेहतर तरीके से ठीक कर रहा था।

ग्लूकोसायनोलेट –  इसमें ग्लुकोसायनोलेट्स और इनसे बनने वाले ITCs एंटी-ऑक्सीडेंट पॉलीफिनोल्स होते हैं। शरीर में जाकर आइसोथायोसायनेट नामक एंटी-इन्फ्लेमेटरी तत्व में परिवर्तित हो जाता है और अल्सर का कारक माने जाने वाले एच. पाइलोराई जीवाणुओं की कोलोनीज़ का सफाया करता है। ये बेक्टीरिया आमाशय में पड़े रहते हैं और कोई हानि नहीं पहुँचाते परंतु इनकी आबादी बढ़ने पर ये पेप्टिक अल्सर, एसीडिटी जैसे कई विकार पैदा करते हैं।

गेफरनेट कंपाउंड – यह एक टरपीन फैटी एसिड है, जो आहार तंत्र की सुरक्षा करता है और दवाओं से बेहतर तरीके से अल्सर्स का उपचार करता है।

हृदय रोग

सॉवरक्रॉट से रक्त में बीटा केरोटीन, ल्युटीन और एंटी-ऑक्सीडेंट क्षमता बढ़ती है। साथ ही एल.डी.एल. और टोटल कोलेस्टेरोल कम होता है। यह हृदय-हितषी विटामिन के-2 का बढि़या स्त्रोत है। 

त्वचा और केश

सॉवरक्रॉट आपको त्वचा संबंधी सभी समस्याओं से निजात दिला देता है। सॉवरक्रॉट में त्वचा की प्राकृतिक चमक को वापस लाने का गुण होता है, भले  आपकी त्वचा कितनी ही ख़राब हो चुकी हो। एंटीआक्सीडेंट्स और फाइटोकेमिकल्स से भरपूर बंदगोभी त्वचा को ताज़गी प्रदान करती है और इसे गोरा, नर्म और आकर्षक बनाती है। मुंहासे और ब्लैक हेड्स ठीक हो जाते हैं। बंदगोभी में पाए जाने वाले एंटीआक्सीडेंट्स त्वचा में नमी लाते हैं और झुर्रियां और झाइयां खत्म कर देते हैं।    बालों के लिए सॉवरक्रॉट आश्चर्यजनक हैं। यह आपके शरीर में सल्फर की पूर्ति करता है और बालों को मजबूती प्रदान कर उनका झड़ना रोकता है।  सॉवरक्रॉट में पाए जाने वाले विटामिन-ई व सिलीकॉन से नए बाल उग आते हैं। 

जोड़ के हर रोग का तोड़ – सॉवरक्रॉट जोड़ों की हर तकलीफ के लिए बढि़या तोड़ है।

सॉवरक्रॉट – कैंसर उपचार में तुर्प का पत्ता

पूरे विश्व में अभी तक सावरक्रॉट पर 475 से अधिक शोध हुए हैं, जो साबित करते हैं कि कैंसर बचाव और उपचार में सावरक्रॉट क्यों इतना अहम स्थान रखता है। यह सब संभव हुआ है, इसमें विद्यमान अनूठे एंटी-इन्फ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और ग्लुकोसाइनोलेट्स तत्वों के कारण। ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और क्रोनिक इन्फ्लेमेशन कैंसर का बड़ा कारक है। फिनलैंड की इवा लिजा रेहानेन के अनुसार सावरक्रॉट को फर्मेंट करने पर कुछ एंजाइम्स बनते हैं जो उनके ग्लुकोसाइनालेट को विघटित कर आइसोथायोसायनेट बनाते हैं।  आइसोथायोसायनेट्स कई तरह से कैंसर पर प्रहार करता है। यह हमारे इम्यून सिस्टम में कार्यरत संदेशवाहक अणुओं (messaging molecules) को प्रभावित कर क्रोनिक इन्फ्लेमेशन को ठीक करता है और  कोशिका से टॉक्सिन्स को बाहर करता है। दूसरा सावरक्रॉट एक प्रबल क्षारीय है। यह आप अच्छी तरह जानते हैं कि शरीर को क्षारीय किए बिना कैंसर का उपचार करना बहुत मुश्किल है। यह मित्र जीवाणुओं की सहायता से महान एन्टीऑक्सीडेंट ग्लुटाथायोन और सुपरऑक्साइड डिसम्युटेज बनाता है। इंडोल-3-कार्बिनोल एक बेंजोपाइरोल है जो ग्लुकोब्रेसिसिन से बनने वाले आइसोथायोसायनेट के विघटन से बनता है और शक्तिशाली कैंसररोधी है। साथ ही इसमें विटामिन सी और बी ग्रुप के विटामिन्स और मिनरल्र्स होते हैं। इस कारण यह सबसे बड़ा कैंसर-रोधी भोजन है, तुर्प का पत्ता है। तभी तो डॉ. जॉहाना बडविग अपने कैंसर उपचार की शुरूआत सॉवरक्रॉट से करती है।

मारकस पोर्सियस केटा द ईल्डर 

200 ईसा पूर्व मारकस पोर्सियस केटा द ईल्डर नाम के एक रोमन स्टेट्समेन ने अपनी विख्यात पुस्तक  “ऑन फार्मिंग” में स्पष्ट  लिखा है कि कैंसर का कोई भी उपचार बिना सावरक्रॉट के काम नहीं करेगा।
यदि आप सावरक्रॉट खुद बनाना चाहते हैं, तो नीचे हमारी वीडियों देखें। 

 

सॉवरक्रॉट के फायदों की लिस्ट कविता में

सॉवरक्रॉट पर एक इंटरव्यू पारुल के साथ

सॉवरक्रॉट बनाने की विधि हिन्दी में

सॉवरक्रॉट बनाने की विधि इंगलिश में

सॉवरक्रॉट के फायदों पर डॉ. ओम वर्मा का वीडियो

सॉवरक्रॉट पर श्री जगदीश बेडम के अनुभव

सावरक्रॉट उर्फ आबेहयात
यह कोई कविता नहीं सॉवरक्रॉट के फायदों की लिस्ट है,
इसे अपना लिया तो आपके जीवन का एक बड़ा ट्विस्ट है,
सावरक्रॉट फर्मेंटेड केबेज ही नहीं, एक सर्वोत्तम प्रोबायोटिक है,
लेक्टोबेसीलाई से भरपूर महान टॉनिक है,
पेट के हर रोग की दवा है,
किडनी रोग के लिए मेवा है,
त्वचा के लिए हल्दी और चंदन का मेल है,
ज़ुल्फों के लिए भृंगराज का तेल है,
हर अपच चुटकियों में मिटा दे ये वो हाज़मोला है,
एसीडिटी और अल्सर की दवाई का गोला है,

 

कब्ज़ासुर का वध कर दे यह वो दानव है,
जो इसका नियमित सेवन करे वही स्वस्थ मानव है,
जोड़ के हर रोग का तोड़ है,
जीवन का सबसे हंसीन मोड़ है,
विटामिन और मिनरल्स की खान है,
वेट वाचर्स के लिए वरदान है,
शरीर की डिफैंस बटालियन का जत्था है,
कैंसर के उपचार में तुर्प का पत्ता है,
यह सेहत के लिए अमृत है और स्वाद में जन्नत है,
तभी तो कहलाता आबेहयात है।

One thought on “सॉवरक्रॉट – न्यू फूड न्यू लाइफस्टाइल”

  1. मैं 2006 से अल्सरेटिव कोलाइटिस का पेशेंट हूँ। कई तरह की दवाई लेने के बाद भी कोई फर्क नहीं पड़ा, बीमारी कभी कंट्रोल हो जाती कभी एक्टिव हो जाती, जब एक्टिव होती 14 से 15 बार वाशरूम जाना पड़ता था। मेरे भाग्य से डा. वर्मा साहब 25 फरवरी 2021 को स्वस्थ भारत मिशन गाजियाबाद के कार्यक्रम में भाग लेने पधारे, मैं भी वहाँ उपस्थित था। मेने डा साहब को अपनी बीमारी के बारे में बताया, डा साहब ने मुझे सावरक्राट लेने के लिए कहा और 2 लीटर सावरक्राट कोरियर द्वारा मुझे भेजा। मेने सावरक्राट लेना शुरू किया और 15 दिन में ही अल्सरेटिव कोलाइटिस कंट्रोल हो गया और अब मुझे लगता है कि मेरा रोग पूरी तरह ठीक हो जायेगा धन्यवाद डा साहब…

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