प्राक्कथन

मैंने हाल ही में 16 किलो वजन कम किया है। इससे मेरे सभी मित्र, प्रशंसक और परिजन अचंभित हैं। कई लोग तो मुझे पहचान भी नहीं पा रहे हैं, क्योंकि वजन भी कम हुआ है और मैंने दाढ़ी भी रख ली है। सभी जानना चाहते हैं कि मैंने वजन कम करने के लिए क्या-क्या किया है और आखिर यह चमत्कार हुआ कैसे है?

दोस्तों, मेरा वजन बढ़कर 86 किलो हो गया था, जिसे कम करना जरूरी था। फिर हम 12 वर्ष बाद होने जा रहे बाहुबली महावीर भगवान के महामस्ताभिषेक में सम्म्लित होने के लिए श्रवणबेलगोल, कर्नाटक गए।
श्रवणबेलगोल बहुत पवित्र और धार्मिक स्थान है। पूरे विश्व से लाखों व्यक्ति इस मौके पर यहाँ आ रहे थे। 23 फरवरी, 2018 को वहाँ से लौटने के बाद मुझे लगा जैसे मेरे वजन कम करने का समय आ गया है। मैं
आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर था। मन में दृढ़ निश्चय और तीव्र इच्छा शक्ति थी। फिर क्या था, मैंने मोर्निंग वाक शुरू कर दिया। शुरूआत में तो मैं 15-20 मिनट ही घूमता था, लेकिन 10-15 दिनों में तो मैं दो घंटे
और फिर तीन घंटे रोज घूमने लगा। केलौरी इनटेक पर भी धीरे-धीरे ब्रेक लगाया। मैंने चाय, कॉफी, बाजार के सारे बेकरी प्रोडक्ट्स, मिठाइयाँ और नमकीन आदि छोड़ दिए। बाजार के कचैड़ी समोसे मैं पहले ही छोड़ चुका था। चाय-कॉफी छोड़ने के बाद मुझे लगा कि न तो ये चुस्ती-फुर्ती या ताजगी का अहसास करवाते हैं, न इनमें कोई नशा होता है। यहाँ तक कि इनको छोड़ने पर कोई विदड्रॉवल सिम्पटम्स भी नहीं होते। हां छोड़ने के बाद यह अफसोस जरूर हुआ कि मैं व्यर्थ ही ढेर सारी केलौरीज चाय-कॉफी के रूप में ले रहा था, जिसे आसानी से टाला जा सकता था। 

मैं रोज सुबह पौने चार बजे उठ जाता हूँ। पूरी उर्जा के साथ चार से सात बजे तक नॉन-स्टॉप घूमता हूँ। घूमकर आते ही आधा ग्लास सॉवरक्रॉट ज्यूस पीता हूँ। इससे मुझे दिनभर के लिए प्रोबायोटिक्स, विटामिन 
के-2, विटामिन-सी और बी ग्रुप के सारे विटामिन्स तथा आयरन, पोटेसियम, कैल्सियम, मेग्नीसियम, मेंगनीज, फोसफोरस, कॉपर, जिंक और सेलेनियम आदि मिनरल्स मिल जाते हैं। दिन भर दो-ढाई लीटर 
गुनगुना पानी पी लेता हूँ। नाश्ते में ज्यूस, सलाद, एक अलसी की रोटी या परांठा, सूप या रसीली सब्जी लेता हूँ। सारे रिफाइंड तेल बंद कर दिए हैं। थोड़ा सा कोल्ड-प्रेस्ड नारियल या सरसों के तेल प्रयोग करता 
हूँ। मेरी अधिकांश सब्जियां बिना फ्राई किए बनती हैं। तड़का लगाना और डीप-फ्राइंग भी लगभग बंद कर दिया है। हां, मैं रोज एक टेबलस्पून अलसी का कोल्ड-प्रेस्ड एक्स्ट्रा-वर्जन तेल सलाद, रोटी आदि के साथ 
नियमित लेता हूँ। लंच में फ्रूट्स, सलाद या थोड़ा सा सूप लेता हूँ। शाम को 6 बजे डिनर लेता हूँ। मेरे डिनर में अलसी की दो रोटी, एक कटोरी सब्जी, एक कटोरी दाल होती है। 
लगभग साढ़े तीन महीने में चमत्कार हो चुका था। मेरा वजन 15 किलो कम हो गया था। मुझे मेरे आत्मविश्वास और मेहनत का फल मिल चुका था। लेकिन मेरा यह रूटीन उसी तरह चल रहा है। इस दौरान 
3-4 बार बाहर भी जाना पड़ा। बाहर जाते हैं तो घूमना बंद हो जाता है और खाने-पीने का रूटीन भी बिगड़ जाता है। परंतु आते ही जीवनचर्या को फिर से अनुशासित करना होता है। 

स्थूलता की उपचारशाला

आप मेरा यह आलेख पढ़ रहे हैं तो मुझे यह आभास हो रहा है कि संभवतः आपका वजन ज्यादा है और आप इसे घटाने का मानस बना रहे हैं। ऐसा भी हो सकता है कि आपने पहले भी वजन घटाने का प्रयास किया हो तथा सफलता नहीं मिल पाई हो और आप निराश होकर बैठ गये हों। स्वाभाविक है कि आप नकारात्मक और हीन भावना से ग्रस्त भी हुए होंगे। लेकिन मुझे ये सब अच्छे संकेत लग रहे हैं। आपने शायद सुना ही होगा कि असफलता ही सफलता की पहली कुंजी होती है। आपकी असफलता में मुझे तो कई बातें अच्छी लग रही हैं जैसे कि आपको इस बात का पूरा आभास था कि आपका वजन ज्यादा है, आप अपना वजन घटाना भी चाह रहे थे और आपने कौशिश भी की, यह अलग बात है कि आप सफल नहीं हो सके। तो तनाव कतई नहीं करें, आप इस बार अवश्य कामयाब होंगे। स्थूलता-प्रबंधन की यह यात्रा आपके जीवन की एक अविस्मरणीय घटना बनने वाली है। यह आपके जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगी। शीघ्र ही आपके परिजन और मित्र बहुत प्रभावित होने वाले हैं। अचानक सब आपको ज्यादा महत्व, प्यार और सम्मान देने लगेंगे। सब लोग आपसे वजन घटाने के टिप्स पूछना चाहेंगे।

बी.एम.आई . पर रखो नजर यह है स्थूलता का बेरोमीटर

आप मेरा यह आलेख पढ़ रहे हैं तो मुझे यह आभास हो रहा है कि संभवतः आपका वजन ज्यादा है और आप इसे घटाने का मानस बना रहे हैं। ऐसा भी हो सकता है कि आपने पहले भी वजन घटाने का प्रयास किया हो तथा सफलता नहीं मिल पाई हो और आप निराश होकर बैठ गये हों। स्वाभाविक है कि आप नकारात्मक और हीन भावना से ग्रस्त भी हुए होंगे। लेकिन मुझे ये सब अच्छे संकेत लग रहे हैं। आपने शायद सुना ही होगा कि असफलता ही सफलता की पहली कुंजी होती है। आपकी असफलता में मुझे तो कई बातें अच्छी लग रही हैं जैसे कि आपको इस बात का पूरा आभास था कि आपका वजन ज्यादा है, आप अपना वजन घटाना भी चाह रहे थे और आपने कौशिश भी की, यह अलग बात है कि आप सफल नहीं हो सके। तो तनाव कतई नहीं करें, आप इस बार अवश्य कामयाब होंगे। स्थूलता-प्रबंधन की यह यात्रा आपके जीवन की एक अविस्मरणीय घटना बनने वाली है। यह आपके जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगी। शीघ्र ही आपके परिजन और मित्र बहुत प्रभावित होने वाले हैं। अचानक सब आपको ज्यादा महत्व, प्यार और सम्मान देने लगेंगे। सब लोग आपसे वजन घटाने के टिप्स पूछना चाहेंगे। आजकल स्थूलता का निदान हम बॉडी मास इंडेक्स (BMI) के आधार पर करते हैं, जिसका सूत्र बेल्जियम के वैज्ञानिक एडोल्फ क्वेटलेट ने खोजा था। सामान्य लोगों का BMI 18.5 से 24.9 के बीच रहता है। यदि आपका BMI 30 से ज्यादा है तो आप स्थूलता की श्रेणी में आते हैं। 25 से 29.9 के बीच की BMI वाले भले ही मोटापे की श्रेणी में न आते हों, पर उन्हें अपना कुछ वजन तो कम करना ही चाहिये। BMI 19 से 70 वर्ष की आयु के लोगों में शरीर के अनुमानित फैट की जानकारी दे देता है। हालांकि बॉडी बिल्डर्स, खिलाडि़यों और गर्भवती स्त्रियों में BMI शरीर के फैट की सही गणना नहीं कर पाता है। ब्रिटिश प्रणाली में BMI का सूत्र याद रहे इंच x इंच = इंच2 बी.एम.आई . (पाउंड प्रति इंच2)= (पाउंड में वजन X 703) / इंचों में लंबाई2    मीटरिक प्रणाली में BMI का सूत्र याद रहे मीटर x मीटर = मीटर2 बी.एम.आई . (किलो प्रति मीटर2)= किलो में वजन / मीटर में लंबाई2   

कटि-नितंब अनुपाती - बुरा सेब अच्छी नाशपाती

यदि शरीर में फैट का जमाव पेट के अंदर या आसपास ज्यादा होता है, जिससे अपेक्षाकृत पेट ज्यादा मोटा दिखाई देता है और जिसे हम सेबाकार स्थूलता (Apple shaped Obesity) कहते हैं तो स्थूलता के  दुष्प्रभावों का जोखिम ज्यादा रहता है। यदि फैट का जमाव नितंब और ऊपरी जांघों में ज्यादा होता है तो इसे नाशपाती स्थूलता (Pear shaped Obesity) कहते हैं। नाशपाती स्थूलता सामान्यतः स्त्रियों में होती है, इसमें स्थूलता के दुष्प्रभावों का जोखिम स्थूलता के आकार का अनुमान हम कटि-नितंब अनुपात या Waist to Hip Ratio से लगाते हैं,  जिसका सूत्र है। 

कटि-नितंब अनुपात = कमर की न्यूनतम परिधि इंचों में / नितंबों की अधिकतम परिधि इंचों में उदाहरण- यदि किसी स्त्री के कमर और नितंब नाप क्रमशः 35 और 46 इंच है तो कटि-नितंब अनुपात 35-46 = 0.76 होगा। यदि कटि-नितंब अनुपात स्त्रियों में 0.8 और पुरुषों में 1.0 से ज्यादा हो तो उन्हें सेबाकार कहा जाता है।
“पेट बने मटका, तो लगे स्वास्थ्य को झटका”

कैलोरी का रोजनामचा

कैलोरी की खपत का आँकलन जरूरी है। विश्राम की अवस्था में शरीर रोज जितनी कैलोरी खर्च करता है उसे बी.एम.आर. कहते हैं। इसके लिए सबसे पहले आपको मिफ्लिन के सूत्र से बी.एम.आर. की गणना
करनी है, जो इस प्रकार है।
पुरुषों में बी.एम.आर. = (10 x w) + (6.25 x a) – (5 x a) + 5
स्त्रियों में बी.एम.आर. = (10 x w) + (6.25 x a) – (5 x a) – 161
यहाॅं w = वजन किलो में         h = लंबाई सेंटीमीटर में       a = उम्र वर्षों में
इस गणना के लिए आपको अपनी उम्र वर्ष में, वजन किलो में और लंबाई सेंटीमीटर में नापनी होगी। कैलोरी की खपत मालूम करने के लिए बी.एम.आर. को सक्रियता घटक से गुणा करके मालूम करेंगे। सक्रियता घटक नीचे दिये जा रहे हैं। 

उपचारशाला

कैलोरी प्रबंधन

आहार नियंत्रण का पहला लक्ष्य वजन को बढ़ने से रोकना है। उसके बाद हमें वजन कम करने का लक्ष्य तय करना है। 20-25 आदर्श BMI है लेकिन यह जरा मुश्किल होता है। यह बात भी काफी महत्वपूर्ण है कि
यदि स्थूल व्यक्ति खपत से कम कैलोरी ले तो वजन कम होता है। 3500 कैलोरी कम लेने से एक पाउंड वजन कम होता है। यदि आप प्रति दिन की खपत से 350 कैलोरी कम लेंगे तो 10 दिन में आपका वजन एक पाउण्ड कम होगा। एक वयस्क व्यक्ति प्रति दिन 1200-2800 कैलोरी की आवश्यकता होती है जो उसके वजन और सक्रियता पर निर्भर करती है। यदि व्यक्ति का आरंभिक वजन ज्यादा है तो वह अपेक्षाकृत ज्यादा वजन कम करता है। बड़ी उम्र के व्यक्ति को वजन कम करना थोड़ा मुश्किल होता है क्यों कि उम्र बढ़ने के साथ चयापचय दर कम होती जाती है। एक पाउंड प्रति सप्ताह वजन कम करना सुरक्षित लक्ष्य है। 1200 कैलोरी प्रति दिन का आँकड़ा आदर्श माना गया है।  

सामान्य बातें

1- रोज 8-10 ग्लास गुनगुना पानी पिये।
2- आप रोज 4 से 6 बार भोजन ले परन्तु बहुत थोड़ा-थोड़ा। रात को सोने के 4-5 घंटे पहले हल्का डिनर ले लें।
3- आपके भोजन में सभी फल व सब्जियों का समावेश होना चाहिये। प्याज, लहसुन, गोभी, टमाटर, पत्तागोभी, मेथी, भिंडी, पालक, बैंगन, लौकी, ऑंवला, गाजर, नींबू, आदि सभी हरी सब्जियाँ आदि खूब खाएं। फलों में जामुन, सेब, संतरा, अंगूर, पपीता, आम, केला आदि सभी फल खाएं। साबुत खाद्यान्न व दालें भी छिलके समेत खाएं। छिलकों में फाइबर व महत्वपूर्ण विटामिन होते हैं।
4- अंकुरित दालों का सेवन अवश्य करें।
5- रिफाइंड नमक बन्द करें और सैंधा नमक खाएं।
6- रोजाना आघा चम्मच पिसी हुई दालचीनी सब्जी या चाय में डाल कर लें।
7- नारियल का तेल खाने के लिये सर्वोत्तम होता है, यह आपके वजन को कम करेगा। सरसों और तिल का कच्ची घाणी या एक्सपेलर इकाइयों द्वारा निकला तेल बहुत अच्छा माना जाता है। हो सके तो आप सब्जियों को पानी में पकायें व बाद में तेल डालें। तली हुई चीजें कम से कम खाएं। वैसे अलसी से आपको अच्छे ओमेगा-3 फैट मिल जायेंगे।
8- आहारशास्त्री यह कहते हैं कि दस दिन में एक शाम के लिए आहार नियंत्रण के सारे बंधन भूल जाइये, छुट्टी मनाइये और जो मर्जी का भोजन खाइये। पर याद रखिये यह छूट दस दिन में सिर्फ एक टाइम के लिए ही मिलती है। 

बंद करो रिफाइन्ड तेल अगर चलानी हो जीवन की रेल

आपको मारक वसा जैसे हाइड्रोजनीकृत फैट (डालडा) और रिफाइंड तेल का प्रयोग तुरन्त बन्द कर देना चाहिये। हाइड्रोजनीकरण या वनस्पति बनाने के लिए निकिल धातु की उपस्थिति में तेल में 400 डिग्री सेल्सियस पर भारी दबाव से 8 घंटे तक हाइड्रोजन प्रवाहित की जाती है। इससे तैयार होता है ट्रांस फैट से भरपूर निष्क्रिय (मृत) फैट जो हमारे शरीर के लिए खतरनाक विष है। बहुराष्ट्रीय संस्थान अपने सभी खाद्य पदार्थों जैसे ब्रेड, केक, मैगी, पास्ता, नूडल्स, बिस्कुट, चिप्स, कुरकुरे, पिज्जा, बर्गर, आइसक्रीम, चॉकलेट आदि में ट्रांसफैट युक्त घातक हाइड्रोजनीकृत वसा का भरपूर प्रयोग करते हैं इसलिए इनको करो बाय-बाय। रिफाइंड तेल को बनाते वक्त 400 डिग्री सेल्सियस तक गर्म किया जाता है व अत्यंत हानिकारक रसायन पदार्थ जैसे हैक्सेन, कास्टिक सोड़ा, ब्लीचिंग एजेंट्स आदि-आदि मिलाये जाते हैं।

संतुलित रखो ओमेगा छ और तीन, यही है जीवन की मेन थीम

हमारे शरीर के लिये ओमेगा-3 व ओमेगा-6 फेटी एसिड दोनों ही बहुत आवश्यक हैं। ओमेगा-6 गर्म होते है और शरीर में इन्फ्लेमेशन पैदा करते है। परन्तु ओमेगा-3 ठण्ड़े होते हैं और एन्टीइन्फलेमेटरी होते हैं। शरीर में ओमेगा-6 ज्यादा होने से मोटापा समेत कई बीमारियाँ हो जाती है। इसलिए आपको अपने भोजन में ओमेगा-3 व ओमेगा-6 फेटी एसिड का अनुपात संतुलित यानी 1:2 या 1:4 रखना है। जो तेल ज्यादातर हम खाते हैं ओमेगा-6 से भरपूर होते हैं, पर उनमें ओमेगा-3 बहुत ही कम होते हैं। ओमेगा-3 की यह कमी आप प्रतिदिन 30-40 ग्राम अलसी खाकर पूरी कर सकते हैं।

रिफाइन्ड कार्ब होते बड़े खराब

आपको रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स जैसे सफेद  चावल, मेदा, चीनी और बाजार में उपलब्ध खुले हुए या पेकेट बंद खाद्य पदार्थ जैसे ब्रेड, केक, पास्ता, मेगी, नूडल्स, बिस्कुट, अंकल चिप्स, कुरकुरे, पेप्सी, लिमका,

कोकाकोला, फैंटा, फ्रूटी, पिज्जा, बर्गर, पेटीज, समोसा, कचोरी, भटूरा, नमकीन, सेव आदि का सेवन नहीं करना है। उपरोक्त सभी खाद्य पदार्थ मेदा व ट्राँसफेट युक्त खराब रिफांइड तेलों से बनते हैं। तलने के लिए तेल को बार-बार गर्म किया जाता है। जिससे उसमें अत्यन्त हानिकारक कैंसर पैदा करने वाले रसायन जैसे एच. एन. ई. बन जाते है।

अलसी अपनाओ और स्थूलता घटाओ

अलसी सचमुच वजन घटाने का बढि़या टूल है, क्योंकि यह जीरो-कार्ब भोजन है। चैंकियेगा नहीं, यह सत्य है। मैं आपको समझाता हूँ। 14 ग्राम अलसी में 2.56 ग्राम प्रोटीन, 5.90 ग्राम फैट, 0.97 ग्राम पानी और 0.53 ग्राम राख होती है। 14 में से उपरोक्त सभी के जोड़ को घटाने पर जो शेष {14-(0.97+2.56+5.90+0.53) = 4.04 ग्राम}  4.04 ग्राम बचेगा वह कार्बोहाइड्रेट की मात्रा हुई। विदित रहे कि फाइबर कार्बोहाइड्रेट की श्रेणी में ही आते हैं।  इस 4.04 कार्बोहाइड्रेट में 3.80 ग्राम फाइबर होता है जो न रक्त में अवशोषित होता है और न ही रक्तशर्करा को प्रभावित करता है। अतः 14 ग्राम अलसी में कार्बोहाइड्रेट की व्यावहारिक मात्रा तो 4.04 – 3.80 = 0.24 ग्राम ही हुई, जो 14 ग्राम के सामने नगण्य मात्रा है इसलिये आहार शास्त्री अलसी को  जीरो कार्ब  भोजन  मानते हैं।  मैंने अलसी के सेवन से कई लोगों का वजन कम होते देखा है। दो-चार किलो वजन तो मात्र अलसी खाने से ही हो जाता है। । 30-40 ग्राम अलसी मिक्सी के चटनी जार में सूखा पीस कर आटे में मिलाकर रोटी बना कर लें। अलसी पीस कर रखने से खराब हो जाती है। 

वजन घटाने में अलसी आपकी इस तरह मदद करेगी

1- सबसे पहले तो अलसी आपके मन में स्वस्थ, सुन्दर और युवा बने रहने की इच्छा जागृत करती है।

2- अलसी आप में दृढ़ संकल्प, मनोबल और आत्मविश्वास जगायेगी। आपको भरपूर ऊर्जा और शक्ति गी और आपके मन से सारी ऋणात्मकता निकाल देगी। 

3- अलसी के सेवन करने से वजन घटाने हेतु व्यायाम या घूमने से होने वाली थकावट नहीं होगी और यदि हुई भी तो चुटकियों में दूर हो जायेगी। 

4- अलसी में 27 प्रतिशत फाइबर होने के कारण पेट ज्यादा देर तक भरा रहता है, खाने की ललक कम होती है और भूख भी कम लगती है। 

5- अलसी में भरपूर लिगनेन और अल्फा-लिनोलेनिक एसिड होते हैं जो आपके शरीर में माँस-पेशियों को विकसित करते हैं और फालतू जमा हुई चर्बी को कम करते हैं और आपका वजन कम करते हैं। 

प्रोटीन खाओ माँसपेशियाँ बचाओ

आपको रोज 80-100 ग्राम प्रोटीन का सेवन करना चाहिये। महिलाओं को भी 80 ग्राम तो लेना ही है। यदि आप व्यायाम ज्यादा करते हो तो प्रोटीन और ज्यादा खाएँ। आप प्रोटीन के लिये पनीर, दही व दालें खायें। प्रोटीन वजन कम करने के लिए लेने वाली विभिन्न रासायनिक क्रियाओं में अत्यन्त आवश्यक है। प्रोटीन नहीं खाने से आपकी मांसपेशियाँ सिकुड़ना शुरू हो जायेगी व आपका बी.एम.आर. कम हो जायेगा। अंडा वजन भी कम करता है। 

औषधि का तड़का लगाये मोटा लड़का

यदि BMI 30 से ज्यादा हो तो स्थूलता के उपचार हेतु औषधियों का प्रयोग करना चाहिये। स्थूलता के उपचार के लिए प्रमाणित ज्यादातर ऐलोपेथी की औषधियां निरर्थक साबित हुई हैं। शिलाजीत उत्कृष्ट आयुवर्धक रसायन है जो मधुमेह, उच्च रक्त चाप, मोटापा आदि में बहुत लाभ देती है। गुर्दों को नया जीवन व उर्जा देती है। मदोहर गुग्गुल की दो गोली सुबह शाम ली जा सकती है। सफेद मलबरी की चाय भी अवश्य लेनी चाहिए। BMI

नेगेटिव कैलोरी फूड खाते रहो मेरे ड्यूड

स्थूलता के उपचार हेतु कुछ वैज्ञानिकों ने नेगेटिव कैलोरी फूड (Negative Calorie food) की भी परिकल्पना की है। उनके अनुसार कुछ खाद्यान्नों में इतनी कम कैलोरी होती है कि उससे ज्यादा कैलोरी उनको चबाने, पचाने और पूरे आहार-पथ से गुजारते हुए विसर्जित करने में खर्च हो जाती है। ब्रोकोली, बंद गोभी, गाजर, टमाटर, पालक, शलगम, ककड़ी, फूल गोभी, पपीता आदि अच्छे नेगेटिव कैलोरी फूड माने जाते हैं। आप इन खाद्य पदार्थों को अपने आहार में अवश्य शामिल करें। 

बाबा सिखाएँ योग वजन घटाएँ लोग

जो लोग नियमित व्यायाम, प्रातः भ्रमण, योग या प्राणायाम करते हैं, वे स्थूल नहीं होते हैं। व्यायाम या कोई  भी शारीरिक क्रिया करने से कैलोरी का ज्वलन  होता है। कैलोरी के ज्वलन की मात्रा व्यायाम के प्रकार, अवधि और तीवृता पर निर्भर करती है। यह व्यक्ति के वजन पर भी निर्भर करती है। उदाहरण के लिए एक किलोमीटर चलने से 100 किलो का व्यक्ति 60 किलो के  व्यक्ति से ज्यादा कैलोरी ज्वलन करेगा क्योंकि उसे अतिरिक्त 40 किलो के वजन को भी एक किलोमीटर ढोने में कैलोरी खर्च करनी पड़ेगी। आहार नियंत्रण के साथ व्यायाम करना स्थूलता का आदर्श उपचार है। अकेले  आहार नियंत्रण से काम चलने वाला नहीं है। रोज स्वामी रामदेव जी के योग और प्राणायाम करें तथा स्थूलता पर विजय पायें।  

1-  सप्ताह में 5-7 बार 30-45 मिनट व्यायाम करें। तेज चलना, साइकिल चलाना, योग, प्राणायाम, ट्रेडमिल पर चलना, तैरना आदि अच्छे व्यायाम हैं। 

2- व्यायाम एक साथ न करके दस दस मिनट के टुकड़ों में भी कर सकते हैं।

3- पहले थोड़ा वार्म-अप करें फिर धीरे धीरे व्यायाम तीवृता बढ़ावें।

4-  जब आप मोर्निंग वॉक शुरू करें तो पहले दिन 15-20 मिनट ही घूमें। अपने आपको बाहुबली साबित करने की कौशिश नहीं करें। पहले दिन ही ज्यादा घूम लोगे तो दूसरे दिन पैर दर्द करेंगे और घूम भी नहीं सकोगे। अरे पहले ही दिन सब कुछ कर लोगे तो बाद में क्या करोगे, आगे के लिए भी तो कुछ छोडि़ए। इसलिए घूमने और व्यायाम करने का समय धीरे-धीरे बढ़ाएँ।

5- व्यायाम करने में उम्र बाधा नहीं डालती। 70 वर्ष से बड़े लोग भी व्यायाम कर सकते हैं।

कम्प्यूटर की थाम लो कमान स्थूलता-नियंत्रण बने आसान

आजकल सभी लोग कम्यूटर और स्मार्टफोन का प्रयोग करने लगे हैं। आप भी अपना वजन घटाने के लिए कम्प्यूटर की मदद  ले सकते हैं और इस अनुभव को रोचक व मनोरंजक भी बना सकते हैं। इस हेतु BWM 2.0 diet manager Software एक बहुत ही अच्छा सॉफ्टवेयर है जो आप http://www.tucows.com/thankyou.html?swid=520699 फ्री में डाउनलोड कर सकते हैं। जो कुछ भी खाद्य-पदार्थ आप रोज खायें या व्यायाम आदि करें, उनकी मात्रा और विवरण आप सॉफ्टवेयर में भरते जायें। सॉफ्टवेयर इन सारी चीजों का लेखा-जोखा रखेगा और आपको बताता रहेगा कि आपका कैलोरी प्रबंधन कैसा चल रहा है, कितने दिनों में आप अपना वजन घटा पायेंगे।  आपको इस सॉफ्टवेयर में कई भारतीय व्यंजनों के विवरण नहीं मिलेंगे, लेकिन आप इन व्यंजनों के विवरण डाल स्वयं सकते हैं। http://kelpiesoft-food-file.en.softonic.com/ से आप केलपाईसॉफ्ट फूड फाइल सॉफ्टवेयर भी मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं। यह भारतीय व्यंजनों को छोड़ कर बाकी सब व्यंजनों की कैलोरी-मात्रा बतला देगा। भारतीय व्यंजनों की कैलोरी मात्रा, विभिन्न व्यायामों में खर्च होने वाली कैलोरी की मात्रा, बॉडी मास इंडेक्स और कटि-नितंब अनुपात आदि मालूम करने के लिए गूगल की मदद ले सकते हैं। स्मार्टफोन के लिए गूगल प्लेस्टोर पर आपको  कई एंड्रॉयड एप्स मिल जाएंगे। गूगल की गलियों की खाक छानोगे तो और भी बहुत कुछ पाओगे।  अपना वजन घटाने के बाद लोग अक्सर यह समझते हैं कि उनकी स्थूलता की उपचार यात्रा पूरी हो गई है और वे व्यायाम करना घूमना छोड़ देते हैं, खूब खाने पीने लगते हैं और अपनी पुरानी जीवन शैली में लौट आते हैं। धीरे-धीरे वजन फिर बढ़ना शुरू हो जाता है और स्थूलता का दैत्य पुनः उनको जकड़ लेता है। इसलिए ऐसी भूल कभी नहीं करें। वजन कम होने के बाद भी अपनी जीवन शैली को नहीं बिगाड़ें, नियमित अपना वजन देखते रहें, स्वस्थ व नियंत्रित भोजन लेते रहें और व्यायाम करते रहें।   

Our fitness Warriors and yoga experts - नेहा और उपासना

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