अलसी चालीसा

प्रथम  पूजने  से  सधे,   ज्ञानी  जन  के  काज
देव  भोज  अलसी  भखे,  लम्बोदर  महाराज
ऊर्जा  की यह  सम्पदा,  चिर यौवन का ताज
दिव्य पौध अलसी छिपा, ज्ञान बुद्धि का ताज

जय-जय-जय अलसी की माया, सदियों से की सुखमय काया
अलसी की  महिमा अति  न्यारी,  ना थकते गुण गा दुखियारी
नाम  बोटनीकल   जब  आया,  अति  उपयोगी  बीज  कहाया
लीनम  यूज़िटेटिसिम  कहते,   पौष्टिक  तत्व   लबालब   रहते
कॉपर लोहा  जिंक  कैल्शियम,  फोलट  सेलेनियम क्रोमियम
फाइबर  लिगनन  ऐसा भू पर,   स्त्रोत है  मिलना इतना दूभर
अल्फा    लिनोलेनिक   एसिड,   ओमेगा   थ्री    फैटी   एसिड
शोध  विदेशी  सार  बताते,   अलसी   गुण   गा   ढोल   बजाते
मन को  शांत  प्रफुल्लित  कर दे,   तन  में ऊर्जा शक्ति भर दे
यह प्राकृतिक  वेद   कहाए,  जड़  चेतन  सब   रोग   मिटाए
यह  बदहजमी  कब्ज़  मिटाए,   रोग  आई. बी. एस.   भगाए
पीड़ादायी    भगन्दर    मस्सा,   बवासीर   में    ईसब   भुस्सा
उदर  रोग  में  असर   दिखाए,   कील  मुहांसे  खाज  मिटाए
दाद   छाल    एग्ज़ीमा   कैसा,   रूप    निखारे    सोने   जैसा
गठिया  रक्तचाप   अवसादी,   अलसी  सेवन  से   मन  गादी
अलसी  आलस   दूर   भगाए,  जड़   से   क्रोध  तनाव  मिटाए
हृदयाघात  स्ट्रोक  मुटापा,  बी. एम. आर.   बढ़ा   कर  नापा
मधुमेह दम  व लकवा  घाती,  नख  शिख केश रंग चमकाती
काम शक्ति भर उठे नपुंसक,  यौन रोग  की  अलसी  भक्षक
गर्भावस्था     से    वद्धावस्था,   देती    रोग    मुक्त   व्यवस्था
होते   सत्ताईस    से   ज्यादा,   कैंसर    रोधी   तत्व   है   वादा
गर्भाशय   प्रोस्टेट    कैंसर,   का   भक्षक   लिगनेन   फाइबर
कैंसर   आंत    त्वचा   या   स्तन,   मेटे   सेवन   हरे   बांझपन
अलसी   स्त्री   रोग   मिटाऐ,   नियमित   मासिक  धर्म  बनाए
मां  के  ऑचल  दूध  नहीं   गर,  आवे  आठ  पहर  के  अन्दर
कैंसर  की  डॉक्टर जॉहाना,   बडविग  शोध  किया  पहचाना
अलसी  तेल  पनीर  मिलाया,   किया  अचंभित  फल जो पाया
जनहित  धर्म  कर्म   चमकाया,  सात  बार   नोबल   ठुकराया
कर्क  रोग  से  सब  जग  हारा, अलसी  खिला-खिला  उपचारा
डब्लू. एच. ओ.  जग  का   खेता,  स्टार   फूड  का  दर्जा  देता
नित  पीसो  अलसी  नित  खाओ, सब  रोगन  को  दूर भगाओ
अलसी  सेवन   उम्र   बढ़ाए,  और   बुढ़ापा   निकट   न  आए
शक्ति   और  उत्साह   बढ़ाए,  हर   वय   में   विश्वास   जगाए
जो  अलसी   चालीसा   गाए,  मिले   मोक्ष   सत   वंश   सजाए
सहज  सुलभ  यह  भोजन अलसी,  रोग  निवारक गंगाजल सी
करे  नियंत्रण  तापमान   तन,  अलसी   सेवन  उल्हासित   मन
अलसी  तन को  ताकत  देती,  नित  नव  ऊर्जा  तन  में  बहती
यह    पूरण   आहार   कहाए,    मांस   पेशियाँ   सुगढ़    बनाए
जो  जन  अलसी  को   नित  खाए,  दिव्य  चमत्कृत  देह  बनाए
यश   गावे   आनंद    हजारी,   हरे    कष्ट    अलसी    गुणकारी

ओ. पी. वर्मा  डॉक्टर का  अलसी  पर शोध
सृष्टि  कर्ता   सा लगे,   दिव्य  तत्व  का बोध
कवि हजारी रचित कृति, अलसी मूल पुराण
पढ़े गुणें सुधिजन सभी,  गह ले वही सुजान।

यह शानदार अलसी चालीसा हमारे प्रिय मित्र कविवर श्री आनंद हजारी, मेल नर्स ई.एस.आई. चिकित्सालय, कोटा जी द्वारा लिखी गई है। 

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