अलसी भजन
शंकर संग सुनंदा भयो रे जग आनंदा
मस्तक चंदन कान के कुंडल चमके जैसे चंदा…
भयो रे जग आनंदा …
गौरा संग नाचे त्रिपुरारी लिपटे देह भुजंगा…
भयो रे जग आनंदा …
सब देवियों में अलसी बड़ी है करदे सबको चंगा …
भयो रे जग आनंदा …
तन में यौवन भर देती है चमके नख शिख अंगा …
भयो रे जग आनंदा …
क्रोध न आए खुशियां लाए कहते सारे महंता …
भयो रे जग आनंदा …
सुमति जगाये सद्गुण आये बहती ज्ञान की गंगा …
भयो रे जग आनंदा …
उम्र बढ़ाये रोग भगाये गुण है तेरे अनंता …
भयो रे जग आनंदा …
श्रद्धा भक्ति प्रेम बढ़ाये तू ही परमानंदा …
भयो रे जग आनंदा …
ध्यान लगाये कुंडलि जगाये छूटे जग का फंदा …
भयो रे जग आनंदा …
धुन- नटवर नागर नंदा भजो रे मन..
यदि हम सब बडविग के सिद्धांत पर अमल करें तो दुनिया कैंसर-मुक्त हो जाएगी।
इस स्वप्न को साकार करने हेतु हमारी शक्ति बढ़ाइए, दिल खोल कर दान दीजिए…
बडविग चेतना से बड़ा कोई कर्म नहीं
और दान से बड़ा कोई धर्म नहीं
हरा बटन दबाकर अभी दान करें – उषा वर्मा, ट्रेज़रार, बडविग वेलनेस