खींची महिमा
खींची परिवार खूबसूरत फूलों का गुलशन है,
डॉक्टर्स, आईआईटियन्स और कवियों का उपवन है,
यह दूरदर्शी और मेहनतपरस्त रामसुख खींची का खानदान है,
हम सब ममतामयी रूपदुलारी अलसी मां पार्वती की संतान हैं,
यह प्रभु की अद्वितीय चित्रकारी से सुसज्जित,
राम का पावन मंदिर है,
जहां उनका मनोहर संगीत सदैव देता सुनाई है,
ओम के दिव्य प्रकाश से जगमग,
इस वाटिका में हर तरफ ऐश्वर्य है, वैभव है,
उषा का अप्रतिम सौंदर्य है, माधुर्य है,
यह खुशियों का एक स्वप्निल संसार है,
यह वृंदावन का नंदन कानन, निकुंज है
जहां राधा और कृष्ण करते रासलीला हैं,
माखन चुराकर नटखट नवनीत,
आरोग्य जीवन का देता संदेश है,
यह बहारों के मौसम में महकता गुलज़ार है,
जहां ईश्वरीय शांति है, स्नेह है आनंद है,
गरिमा अच्छाइयों की प्याली है,
मनीष की महिमा निराली है,
प्रमिला, लाल की छवि न्यारी है,
मयंक और उत्कर्ष इसके स्तंभ हैं,
यहां उर्मिला है, सुमित्रा है, नीतू है, श्वेता है,
जो नियमित पढ़ती मधुबन जी की गीता है,
यह गंगा किनारे वाले कुशाग्र और चंचल रुद्र का मानसरोवर है,
हम सब उसी अनन्य ईश की दिव्य कृति हैं,
उसी असीम गगन के स्वामी की हम करते स्तुति हैं,
लाखों में एक महकते सुर्ख गुलाब जैसी बड़ी चाची हमारी है,
जो सोलह कलाओं से सुसज्जित युग पुरुष मधुसूदन पर बलिहारी है,
जिनके हृदय से निकलती प्रेम की गंगा और मिश्री की चाशनी है,
लोकेश की ब्यूटी ग़जब ढाती है,
तभी तो वह चिरयौवना कहलाती है,
गीतेश शालीनता सौम्यता की पुजारिन है,
उसकी सादगी सबको लुभाती है,
श्याम लता रिवाजों की जानकारी का खजाना है,
दिनेश और ललिता में संजीदगी और समर्पण है,
हिमांशु और शुभम में कामदेव सा आकर्षण है,
रमेश प्रेम भाव व सरलता की प्रतिमूर्ति है,
रूप की मलिका उमा में गजब की स्फूर्ति है,
निकिता सौम्यता की देवी और आदर्श नारी है,
अदिति मलिका-ए-अदाकारी है जिसकी सुंदरता सभी पर भारी है,
गिरीश को कला का पुजारी कहिए,
निर्मला प्रेरणा जिसकी ये भी सुनिए,
तनुश्री को सबने लक्ष्मी का साक्षात रूप माना,
निखिल को सबसे शक्तिशाली कहता जमाना,
कृष्ण पर बलिहारी है छोटी चाची हमारी,
जिनकी कांति से रोशन है बगिया हमारी,
योगिता के नाजो-अंदाज का क्या कहना,
विश्वकर्मा राजकुमार है जिसका प्रिय गहना,
ओम की रेणु है चंचल शोख हसीना,
शिवम, शिवांगी, चिन्मय हैं हम सबकी आँखों के तारे,
निर्मल मन के हैं स्वामी ये निखरते उभरते सितारे,